Here is the Sanskrit anuvad, Hindi anuvad, and English translation of Sankhya Yoga Chapter 2, Verse 2.46.
Sanskrit
यावानर्थ उदपाने सर्वतः संप्लुतोदके । तावान्सर्वेषु वेदेषु ब्राह्मणस्य विजानतः ॥ २.४६ ॥
Hindi
सब ओर से परिपूर्ण जलाशय के प्राप्त हो जाने पर छोटे जलाशय में मनुष्य का जितना प्रयोजन रहता है, ब्रह्म को तत्व से जानने वाले ब्राह्मण का समस्त वेदों में उतना ही प्रयोजन रह जाता है|
English
O ARJUNA, to an enlightened soul, the Vedas are only as useful as a tank of water during a flood.